उत्तर प्रदेश

अमेरिकी टैरिफ से कांच उद्योग को बड़ा झटका, 400 करोड़ के ऑर्डर रुके, कारोबारियों के छूटे पसीने

फिरोजाबाद के कांच हस्तशिल्प उद्योग पर टैरिफ का असर दिखने लगा है। अमेरिका और उससे जुड़े देशों के आयातकों ने 300 करोड़ रुपये से अधिक के नए ऑर्डर रोक दिए हैं, जबकि 100 करोड़ का माल रास्ते में ही अटक गया है। इससे कारोबारियों में भारी चिंताएं बढ़ गईं हैं। उन्होंने यूके (यूनाइटेड किंगडम) की तर्ज पर व्यापारिक समझाैते की मांग की है।

अमेरिका ने 1 अगस्त से भारतीय सामान पर 25 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया है। इसका सीधा असर फिरोजाबाद के ग्लास-वुड आइटम, एल्युमिनियम, पीतल और चांदी से जड़े कांच के सामानों पर पड़ा है। अमेरिकी आयातकों ने अक्टूबर से दिसंबर तक के सभी ऑर्डर स्थगित कर दिए हैं जिससे निर्यातकों को भारी नुकसान होने की आशंका है।

रास्ते में 100 करोड़ का माल फंसा :-
कई निर्यातकों का माल अभी समुद्री मार्ग से अमेरिका की ओर रवाना हुआ है। टैरिफ के बाद आयातकों ने उसे रोकने का आदेश दे दिया है। अब सवाल यह है कि इस माल को वहां स्टॉक कहां किया जाए। छोटे और मझोले कारीगरों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।

समझौता ही एकमात्र उपाय :-
केंद्र सरकार डब्ल्यूटीओ (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) समझौते के कारण निर्यातकों को फ्रेट सब्सिडी या ब्याज में छूट नहीं दे सकती। ऐसे में कारोबारियों का मानना है कि यूनाइटेड किंगडम की तरह अमेरिका के साथ भी शून्य आयात शुल्क का समझौता किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि अगर जल्द कोई हल नहीं निकाला गया तो कांच निर्यात उद्योग पूरी तरह चौपट हो सकता है।

कांच उद्योग पर एक नजर :-
● कुल निर्यात इकाइयां 25
● सालाना निर्यात 1500-2000 करोड़ रुपये
● हस्तशिल्पियों की संख्या 150

यह सामान होता है निर्यात :-
फिरोजाबाद से अमेरिका को ग्लास-वुड आइटम, चांदी पॉलिश वाले फ्लावर पॉट, एल्युमिनियम फिटिंग वाली लाइट्स, क्रिसमस ट्री और हैरीजन जैसी वस्तुएं भेजी जाती हैं।

यहां से आते हैं ज्यादातर ऑर्डर :-
ये सामान मुख्य रूप से कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, टेक्सास और वाशिंगटन जैसे राज्यों में जाते हैं।

निर्यातकों की मांग, सरकार तुरंत करे हस्तक्षेप :-
निर्यातक नमन बंसल ने कहा कि 300 करोड़ के ऑर्डर रद्द होने का खतरा है और 100 करोड़ का माल रास्ते में फंसा हुआ है। वहीं निर्यातक सरवर हुसैन का कहना है कि सरकार को यूके की तरह अमेरिका के साथ भी शुल्क मुक्त व्यापार समझौता करना चाहिए, नहीं तो यह उद्योग बर्बाद हो जाएगा।

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