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🛑 बड़ी खबर: आज़ाद अली की पार्टी में घमासान ! 2027 विधानसभा से पहले टिकट के लिए खींचतान, अध्यक्ष मौन क्यों ?
देहरादून / लखनऊ :
2027 के विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर आज़ाद अली की पार्टी में भारी खलबली मची हुई है। टिकट मांगने वालों की लंबी लाइन पार्टी दफ्तरों से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप्स तक फैली हुई है। दावेदारों में मची आपसी खींचतान अब सीधे गुटबाज़ी में बदल चुकी है — लेकिन पार्टी अध्यक्ष आज़ाद अली पूरी तरह मौन हैं।
क्या यह रणनीतिक चुप्पी है या नेतृत्व की कमजोरी ?
सूत्रों की मानें तो कई पुराने और वफ़ादार कार्यकर्ता खुद को नज़रअंदाज़ महसूस कर रहे हैं, जबकि कुछ नए चेहरे बिना ज़मीनी पकड़ के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी हलकों में यह भी चर्चा है कि कुछ “खास लोगों” के इशारे पर ही उम्मीदवारों की सूची बनाई जा रही है — जिससे आम कार्यकर्ताओं में भारी नाराज़गी है।
कार्यकर्ता बोले – “पार्टी तो हमारी है, लेकिन फैसला बस 3 लोग करते हैं!”
एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि – “हमने पार्टी को खड़ा किया, झंडा उठाया, लेकिन अब जब चुनाव नज़दीक हैं तो हमें पीछे धकेला जा रहा है। आज़ाद अली से सवाल करने की भी हिम्मत नहीं बची, क्योंकि जवाब कोई देता नहीं।”
क्या यह लोकतंत्र है या दरबारी राजनीति ?
माना जा रहा है कि अगर जल्द ही नेतृत्व इस अंदरूनी कलह पर खुलकर सामने नहीं आया, तो पार्टी के लिए 2027 की राह बहुत मुश्किल हो सकती है। जनता भी पूछने लगी है – “जो अपनी पार्टी में न्याय नहीं कर सकता, वो समाज के लिए क्या करेगा?”
👉 अगली रिपोर्ट में :-
किन चेहरों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद?
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आजाद अली मीडिया से रूबरू होकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर
जानकारी देने की कृपा करें
इसकी आवश्यकता है
जनता जानना चाहती है
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