JEE Advanced Topper :- रजित गुप्ता ने पूरे देश में हासिल की रैंक-1, इंटरव्यू में बताया टॉप करने का फॉर्मूला

देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड 2025 में कोटा निवासी रजित गुप्ता ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर पूरे शहर को गौरवान्वित कर दिया है। रजित, जो महावीर नगर, कोटा के रहने वाले हैं, ने 332 नंबर हासिल किए और बताया कि “गलतियों से सीखने और खुशी के साथ पढ़ाई करने” का मंत्र ही उनकी सफलता की कुंजी बना।
AIR -1 हासिल करने वाले रजित गुप्ता ने बातचीत में कहा कि मैं तभी पढ़ता था जब मन करता था। लेकिन पढ़ाई करता तो ध्यान लगाकर करता था। स्ट्रिक्ट शेड्यूल से मैं बचता था, क्योंकि वह अनावश्यक प्रेशर देता है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रेरणा :-
रजित के पिता दीपक गुप्ता, बीएसएनएल कोटा में उपखंड अभियंता हैं और वर्ष 1994 में एलन से RPET की तैयारी कर 48वीं रैंक प्राप्त कर चुके हैं। उनकी मां डॉ. श्रुति अग्रवाल, जेडीबी कॉलेज कोटा में होम साइंस की प्रोफेसर हैं।
पिता ने बताया, “मैं खुद एलन में पढ़ चुका हूं। इसलिए जब बेटे की बारी आई, तो किसी और संस्थान के बारे में सोचना ही नहीं पड़ा। एलन की पढ़ाई और गाइडेंस पर हमें पूरा भरोसा था।”
पहली बार कोटा के स्थानीय विद्यार्थी ने जेईई एडवांस्ड में किया टॉप :-
जेईई एडवांस्ड 2025 में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर चुके रजित गुप्ता कोटा के महावीर नगर में रहते हैं। रजित के परिवार में सफलता का यह क्रम नया नहीं हैं। परिवार में शुरू से पढ़ाई व अनुशासन का माहौल मिला। रजित के पिता दीपक ने बताया कि मैं खुद एलन के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी सर से पढ़ा हुआ हूं। हमारे समय में आईआईटी का उतना क्रेज नहीं था। उस समय राजस्थान में तीन ही इंजीनियरिंग कॉलेज थे इसलिए आरपीईटी काफी प्रतिष्ठित एग्जाम माना जाता था। मैंने कोटा इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की फिर एनआईटी प्रयागराज (उस समय इलाहबाद) से एमटेक की। फिलहाल बीएसएनएल में उपखंड अभियंता हूं।
शैक्षणिक सफर और सफलता के सूत्र :-
रजित गुप्ता का शैक्षणिक सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 10वीं कक्षा में 96.8% अंक हासिल कर अपनी पढ़ाई की नींव मजबूत की। इसके बाद जेईई मेन 2025 के जनवरी सेशन में 100 परसेंटाइल और अप्रैल सेशन में ऑल इंडिया रैंक 16 प्राप्त की। इसके बाद अब उन्होंने जेईई एडवांस्ड 2025 में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया।
रजित कोटा स्थिति एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के रेगुलर छात्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि “मैं अपनी गलतियों को दोहराता नहीं था। यही मेरी सबसे बड़ी ताकत थी। जो भी टॉपिक पढ़ता, उसे पहले पूरी तरह समझता था।” उनकी यह रणनीति और सीखने की स्पष्ट सोच उन्हें देश के सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा में टॉप तक ले गई।