बिना देवी-देवताओं व महापुरूषों की मूर्तियाँ, धार्मिक चिन्हों की स्थापना व चौराहा के नामकरण करने पर होगी कार्यवाही

आज तक समाचार
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जिला नागौर 22 मार्च :-जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि जिले में विभिन्न शहरी क्षेत्रों, गांवों व कस्बों में सार्वजनिक स्थलों पर पूर्व प्रशासनिक स्वीकृतिस्थित सार्वजनिक उपयोग के स्थान यथा- सड़क, पार्क, फूटपाथ, चौराहा,लोक उपयोग के खुले स्थान व सरकारी भूमि आदि अन्य जगहों पर सक्षम प्राधिकारी की पूर्व प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किए बिना व्यक्ति,संगठन या संस्था द्वारा स्वयं के स्तर पर देवी-देवताओं एवं महापुरूषों की मूर्तियाँ ,धार्मिक चिन्हों की स्थापना करने व चौराहा के नामकरण किए जाने की घटनाएँ संज्ञान में आ रही है। किसी भी व्यक्ति, संगठन या संस्था द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के किसी भी सार्वजनिक स्थान का उपयोग सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के स्थाई धार्मिक स्थान के रूप में अथवा अस्थायी धार्मिक स्थान के रूप में किया जाना अवैध व दण्डनीय अपराध है। उक्त कृत्य से न केवल शहरी विकास और यातायात व्यवस्था को बाधित करता है बल्कि सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौतियां पैदा करता है।
उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेश व निर्देशों के अनुसार कोई भी व्यक्ति, संगठन या संस्था द्वारा सार्वजनिक स्थानों यथा-सड़क, पार्क, फूटपाथ, चौराहा, सरकारी भूमि आदि पर सक्षम प्राधिकारी की बिना पूर्व प्रशासनिक अनुमति प्राप्त किए किसी भी प्रकार की धार्मिक संरचना, महापुरूषों की मूर्तियों स्थापित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। उक्त सार्वजनिक स्थानों पर हाईमास्क लाईट, विद्युतिकरण, ट्रफिक पॉल, शहर के विकास एवं सौन्दर्यकरण व सार्वजनिक सुविधा और उपयोग के निर्माण किए जाने हेतु अनुमति प्रदान की गई है।
नागौर जिले के विभिन्न शहरी क्षेत्रों/ग्रामों/ कस्बों में स्थित सार्वजनिक उपयोग के स्थान यथा सड़क, पार्क, फूटपाथ, चौराहा /लोक उपयोग के खुले स्थान / सरकारी भूमि आदि अन्य जगहों पर सक्षम प्राधिकारी की पूर्व प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किए बिना व्यक्ति/संगठन या संस्था द्वारा स्वयं के स्तर पर देवी-देवताओं/महापुरुषों की मूर्तियाँ धार्मिक चिन्हों की स्थापना किसी स्थायी/अस्थायी भवन का निर्माण, तम्बू या कोई भी संरचना से ऐसे लोक स्थान या लोक मार्ग का जनता द्वारा विधिपूर्वक उपयोग में विधि विरूद्ध बाधा या न्यूसेंस उत्पन हो रही है तो इस प्रकार की विधि विरुद्ध बाधा या न्यूसेंस को हटाने के लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 152 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत भी कार्यवाही की जा सकती है।
किसी भी व्यक्ति संगठन या संस्था द्वारा सक्षम प्राधिकारी से पूर्व प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किए बिना विधि विरूद्ध रूप से सार्वजनिक उपयोग के स्थानों पर मूर्ति स्थापना / चौराहा का नामकरण एवं धार्मिक चिन्हों की स्थापना किया जाना धारा 223, 270, 292 भारतीय न्याय संहिता, 2023, धारा 152 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 धारा 11 राजस्थान धार्मिक भवन व स्थल अधिनियम, 1954, धारा 03 लोक सम्पति क्षति निवारण अधिनियम, 1984, धारा 241, 245 नगर पालिका अधिनियम, 2009 एवं अन्य सुसंगत प्रचलित विधियों का उल्लद्यंन है, जिसके लिए दण्ड के प्रावधान किए गए है।
जिला कलक्टर पुरोहित ने आदेश जारी कर नागौर जिले में उपयुक्त प्रकार की उल्लेखित विधि विरुद्ध बाधा या न्यूसेन्स की घटनाओं की रोकथाम एवं त्वरित कार्यवाही हेतु उपखण्ड स्तर पर निम्नानुसार कमेटी का गठन किया गया है
1. उपखण्ड मजिस्ट्रेट अध्यक्ष
2. वृत्ताधिकारी पुलिस- सदस्य
3. आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी नगरपरिषद / नगरपालिका सदस्य
4. विकास अधिकारी पंचायत समिति सदस्य
5. थानाधिकारी, पुलिस थाना सदस्य
6. तहसीलदार-सदस्य सचिव
उन्होंने उक्त कमेटी को निर्देशित किया है कि वें अपने क्षेत्र में इस प्रकार सक्षम प्राधिकारी की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किए बिना सार्वजनिक स्थल व अन्य सार्वजनिक उपयोग के स्थानों पर मूर्ति स्थापना / चौराहा का नामकरण/ धार्मिक चिन्हों की स्थापना की घटनाओं को निवारित करेगें तथा किसी व्यक्ति, संगठन या संस्था द्वारा उक्त कृत्य से विधिक प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने पर उनके विरुद्ध सक्षम न्यायालय में परिवाद/विधिक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
राजस्थान प्रभारी आज तक समाचार
सोहनलाल माईच की रिपोर्ट
