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हाथरस का दोहरा हत्याकांड :- रिश्तों में ऐसा कौन सा जहर घुला, शिक्षक के भतीजे ने किस बात का उतारा गुस्सा ?

आखिर रिश्तों में मिठास के बीच ऐसा कौन सा जहर घुला ? जिसकी खातिर आशीर्वाद धाम कॉलोनी में शिक्षक के भतीजे ने पूरे परिवार के खात्मे की साजिश ही रच डाली। जब इस सवाल का जवाब तलाशते हुए पुलिस ने काम शुरू किया तो मोबाइल सर्विलांस और लोकेशन के सहारे सुराग हाथ लगते चले गए।

अब तक की जांच में पैतृक संपत्ति ही घटना के पीछे वजह नजर आ रही है। हत्यारोपी तयेरे भाई विकास और उसके साथी लालू पाल को 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस की अब तक की जांच, पूछताछ व धरपकड़ के बीच संदिग्धों को हिरासत में लेकर जुटाए जा रहे साक्ष्यों से उजागर हुआ है कि शिक्षक छोटेलाल गौतम को 24 फरवरी 2024 ब्रेन हेमरेज हुआ। तभी से वे लकवे (पैरालाइज्ड) से पीड़ित हैं। उसके बाद से उनके घर रिश्तेदारों का आना जाना लगा रहता था। कुछ रिश्तेदार तो ऐसे भी हैं, जो कई कई दिन रुककर गए। इसी बीच करीब तीन माह पहले पेशे से ट्रक चालक उनका चचेरा भतीजा विकास अपनी बहन प्रियंका के साथ उनके यहां रहने आया था। दोनों एक माह तक घर में रुके और उन्होंने बीमार चाचा देखभाल करने के साथ-साथ परिवार की अन्य जिम्मेदारियां भी संभाली। विकास के इस परिवार से रिश्तों की इस कहानी को सुनकर कोई यह नहीं समझ पा रहा कि आखिर उसने ऐसा किस वजह से किया। जब वह यहां रहा, तब बिल्कुल सामान्य तरीके से रहा था।

आखिर किस बात का उतारा गुस्सा :-
इस वाकये को देखकर सवाल यह उठ रहा है कि बुधवार रात ऐसा क्या हुआ कि उसने पूरे परिवार की हत्या की ही साजिश रच ली। बहनों को मौत के घाट उतारने के बाद चाचा-चाची पर हत्या के मकसद से हमला बोला। चाकू के हमले से छोटी बहनों पर बेरहमी से प्रहार कर गुस्सा किस बात का उतारा। यह सवाल लोगों के जहन में बना हुआ है।

दिसंबर व जनवरी में तीन बार दोस्त के साथ छोटे लाल के घर आया था विकास :- दिसंबर में दो बार और जनवरी में एक बार अपने इसी दोस्त के साथ छोटे लाल गौतम के घर आया था। यहां तक कि घर पर रात्रि में रुककर अगले दिन गया था। अंदेशा लगाया जा रहा है कि उस दौरान विकास अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका।

शराब के नशे में था रात को विकास :-
पुलिस को पूछताछ में घायल वीरांगना ने ये भी जानकारी दी कि विकास व उसका दोस्त रात शराब पीकर आए थे। इसीलिए उन्होंने खाना खाने से मना कर दिया।

इस तरह किया काम मिले सुराग :-
डीआईजी-एसएसपी ने मामले में पुलिस की चार टीमों को लगाया था। मौके से सर्विलांस के जरिये जब जांच शुरू हुई तो पाया कि विकास रात में यहां था। उसकी लोकेशन शहर में ही मिली। साथ में वह वीरांगना का मोबाइल ले गया तो उसकी लोकेशन पर भी काम किया। पुलिस की टीमों को पीछे लगाया। साथ में फतेहपुर भी एक टीम भेजी गई। जहां से परिवार की संपत्ति आदि पर जानकारी जुटाई गई। वीरांगना के मायके वालों से भी पारिवारिक संबंधों पर बात हुई। इसी आधार पर देर रात कुछ इस तरह के सुराग मिल रहे थे कि चूंकि छोटेलाल बीमार हैं और उनके कोई बेटा भी नहीं है। बस इसी वजह से पैतृक संपत्ति पर नीयत की खातिर इस परिवार के खात्मे की साजिश बनी है। हालांकि इस मामले में पुलिस देर रात तक कुछ बोलने को तैयार नहीं थी। बस यही जवाब मिल रहा था कि जांच व तलाश जारी है।

मोबाइल में ऐसा क्या था, जो ले गए आरोपी :-
पुलिस को एक तथ्य ये भी मिल रहा है कि वारदात के बाद आरोपी अपने साथ वीरांगना का मोबाइल ले गए। पुलिस के जांच में यह मुख्य बिंदु बना हुआ है कि आखिर उस फोन में ऐसा क्या राज था, जो कि आरोपी उसे छुपाना चाहते थे। इस फोन के मिलने के बाद घटना से जुड़े कई राज सामने आ सकते हैं।

सीसीटीवी भी देखे गये :-
आरोपियों ने घर आने से पूर्व भी उसी नंबर पर फोन किया था। पुलिस कॉलोनियों में लगे सीसीटीवी के साथ-साथ कानपुर से हाथरस तक पड़ने वाले टोल गेट के कैमरों, सड़क पर लगने वाले कैमरों को भी खंगाला गया।

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