उत्तराखंड

स्यानाचट्टी में बनी झील के कारण 150 छात्राएं भटकने को हुई मजबूर, अलर्ट के बाद खाली कराया गया स्कूल

स्यानाचट्टी में बनी झील के खतरे को देखते हुए गंगनानी में यमुना नदी के किनारे बने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्र-छात्राओं को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बृहस्पतिवार को एक होटल में शिफ्ट किया गया। वहीं शुक्रवार को उन्हें एसडीआरएफ की ओर से अधिग्रहित मिनी सचिवालय भवन में शिफ्ट किया गया। इस कारण छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गंगनानी में स्थित कस्तूबरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में करीब 150 छात्राएं रहती हैं। स्यानाचट्टी में बनी झील के अलर्ट के बाद इस विद्यालय को खाली करवाकर वहां से उन्हें शिफ्ट कर एक होटल में भेजा गया। लेकिन वहां पर भी खतरे को देखते हुए अब छात्राओं को एसडीआरएफ के अधिग्रहित मिनी सचिवालय भवन में भेजा गया है।

इस कारण छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की बजाय आसपास ही भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर स्यानाचट्टी में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल के भवन में भी झील का पानी भर गया है।

ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने पर विचार किया जा रहा :-
आसपास के तीन से चार गांव के वहां पर पढ़ने वाले करीब 50 छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है। क्योंकि पहले ही कुपड़ा खड्ड में मलबा और बोल्डर आने के कारण स्कूली बच्चे बहुत कम विद्यालय आ रहे थे। वहीं अब पूरी तरह से स्कूल बंद हो गया है।

इसलिए अब शिक्षा विभाग की ओर से उनकी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने पर विचार किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी बीएस चौहान ने कहा कि स्यानाचट्टी में जलस्तर सामान्य हो जाने के बाद दोनों स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा जरुरत पड़ी तो उक्त बच्चों को आनलाइन क्लास पढ़ाई जाएगी।

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