उत्तर प्रदेश

आंकड़ों का सच : 5 ई-फार्मूला बेअसर, हादसों में माैतों की संख्या 61% बढ़ीं, प्रदेश में कानपुर 18वें नंबर पर

सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में सड़क हादसों को रोकने के लिए कागजों पर की गई सारी कवायद फेल हो गई। हादसों की संख्या में 50 फीसदी की कटौती करने की मंशा से बनाया गया पांच ई-फार्मूला (एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इमरजेंसी केयर और इवैल्युएशन) बेअसर साबित हुआ। जनवरी से जून तक पिछले साल मरने वालों की संख्या 36 थी जो इस बार बढ़कर 58 हो गई। हादसों में 61 फीसदी की बढ़ोतरी भी हो गई। हादसों में माैत के मामलों में पिछले साल की तरह इस बार भी प्रदेश में कानपुर 18वें स्थान पर है। सड़क हादसों के कई कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख लापरवाही और तेज रफ्तार वाहन चलाना है।

इसके अलावा, खस्ताहाल सड़कें, खतरनाक मोड़ और अनफिट वाहन कोहरा भी हादसों का कारण बनते हैं। एक जनवरी और दो मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी। इसमें शामिल लोगों को हादसों की संख्या में 50 फीसदी की कमी लाने के निर्देश दिए गए थे। इसी के तहत पांच ई फार्मूला बनाया गया था। इसके बावजूद कानपुर समेत 65 जिलों में हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या कम होने की जगह 18.8 फीसदी बढ़ गई।

इस साल कानपुर में जनवरी से जून के बीच 142 सड़क हादसे हुए। पिछले साल इन्हीं महीनों में 102 हादसे हुए थे। इस तरह इस साल हादसों में 39.2 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस दाैरान पिछले साल 36 लोगों की जान गई थी, जबकि इस बार 58 लोगों की हादसों में माैत हुई। इस सूची में भी कानपुर 18वें स्थान पर ही है। वहीं, हादसों में घायल होने वालों की संख्या में भी 76.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछली साल की इसी छमाही में 76 लोग हादसों में घायल थे इस बार यह आंकड़ा 134 तक जा पहुंचा। घायलों की सूची के मामले में कानपुर 16वें पायदान पर है।

डीसीपी ट्रैफिक रविंद्र कुमार ने हादसों के चार मुख्य कारण बताए :-

  1.   सागर हाईवे की कम चौड़ाई और इस पर डिवाइडर न होना।
    2. डंपरों से गिट्टी-मौरंग गिरने के कारण दोपहिया वाहनों का फिसलना।
    3. सागर हाईवे पर सड़क का ऊंचा-नीचा होना।
    4. राहगीरों में सिविक सेंस की कमी होना।

हादसों के प्रमुख कारण और उनकी संख्या के साथ ही जिले में सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले दस थानाक्षेत्रों की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही सामान्य सड़क, स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे वार दुर्घटनाओं की जानकारी भी शासन को भेजनी है। इसके आधार पर रोकथाम के प्रयास किए जाएंगे। – राहुल श्रीवास्तव, आरटीओ प्रवर्तन

इन हादसों में गई जान, घायल भी हुए :-
15 अप्रैल- जीटीरोड पर नानाकारी क्राॅसिंग के पास बस और वैन की भिडंत में दो शिक्षिकाओं समेत तीन की मौत।
17 अप्रैल- मुगल रोड के चिल्ली मोड़ पर ऑटो पलटने से तीन की मौत।
22 अप्रैल – मंधना में नून नदी पुल पर कार और बाइक की भिडंत में दो की मौत, छह घायल।
20 मई- सागर हाईवे पर गुजेला के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से दो युवकों की मौत।
26 मई – मुगलरोड के राहा मोड़ पर बाइकों की भिडंत में दो की मौत।
25 जून- चकेरी के चंदनपुर में तेज रफ्तार कार की टक्कर से पत्नी की मौत, पति घायल।
28 जून- जाजमऊ में चुंगी चौराहे के पास डंपर ने बाइक में मारी टक्कर, एक की मौत, दो घायल।
30 जून- चौबेपुर मरियानी गांव के सामने डिवाइडर से बाइक टकराने से एक की मौत।

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