जनता की आवाज को दबाने की कोशिश, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्षरत नेताओं की छवि बिगाड़ने की हो रही है साजिश

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● जनता की आवाज दबाने की कोशिश, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्षरत नेताओं की छवि बिगाड़ने की साजिश
देहरादून :- उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जन अधिकार पार्टी के नेता लगातार जनता के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज़ाद अली और प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव 24 घंटे सड़कों पर रहकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
लेकिन सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जन अधिकार पार्टी के नेता हर उस जगह पर भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं, जहां पर आम जनता का हक मारा जा रहा है। वे उन भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर रहे हैं, जो जनता के हक के पैसों का गबन कर रहे हैं। बावजूद इसके, ना तो सरकार जाग रही है और न ही प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है।
क्या सरकार और प्रशासन भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगा है :- अगर हालात यही रहे, तो आने वाले समय में कोई भी राजनीतिक दल या सामाजिक संगठन जनता की भलाई के लिए आगे नहीं आएगा। जब ईमानदारी से जनता की सेवा करने वाले नेताओं को ही बदनाम करने की साजिश रची जाएगी, तो कौन भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा ?
सरकार और प्रशासन को यह समझना होगा कि यदि जन अधिकार पार्टी के नेता सड़कों पर उतरकर भ्रष्टाचार उजागर कर रहे हैं, तो यह जनता के हक की लड़ाई है। अगर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई, तो जनता भी चुप नहीं बैठेगी।
अधिकारियों पर चाबुक चलाना जरूरी :- अब समय आ गया है कि सरकार अपनी नींद से जागे और भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे।
जनता यह सब देख रही है और आने वाले समय में इसका जवाब भी देगी। जन अधिकार पार्टी के नेता अपने मिशन से पीछे हटने वाले नहीं हैं, चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं।
अगर सरकार ने जल्द ही भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाई, तो जनता खुद सड़कों पर उतरकर इसकाजवाब देगी!
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