उत्तराखंड

चार जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट, कल प्रदेशभर में स्कूल बंद, सीएम धामी ने कहा – अलर्ट रहें अफसर

देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिलों में सोमवार को भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से प्रदेश के शेष जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, प्रदेशभर के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।प्रदेश के पर्वतीय एवं मैदानी इलाकों में बारिश का दौर जारी है। रविवार को प्रदेश के सभी जिलों में कई दौर की बारिश देखने को मिली। वहीं सोमवार के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसी स्थिति में इन जिलों के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि इन दिनों मानसून चरम पर है। आने वाले दिनों भी बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है।

19 प्रतिशत अधिक हो चुकी बारिश :-
राज्य में जमकर मेघ बरसे हैं। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जून से अगस्त के बीच सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक बरसात (1165.3 एमएम बरसात) हो चुकी है। राज्य में अगस्त माह की औसत (सामान्य) बारिश 385.7 एमएम है जबकि 574.4 एमएम बारिश हुई। अगस्त में 49 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। जिलों की बात करें तो सबसे अधिक बरसात बागेश्वर जिले में हुई है।

राज्य में बारिश का क्रम लगातार जारी है। पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से बरसात हो रही है। राज्य में जून से 31 अगस्त की सुबह 8:30 तक 1165.3 एमएम बरसात हो चुकी है जबकि सामान्य बरसात से 19 प्रतिशत (980.3 एमएम) अधिक है। अगस्त में उत्तरकाशी में ही में 566.2 एमएम बरसात हुई है। पूरे राज्य में अगस्त महीने में सामान्य बारिश से 49 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है।

बागेश्वर, देहरादून, हरिद्वार में खूब बारिश :-
राज्य में सभी जिलों में बरसात हुई है पर कुछ जिलों में जमकर मेघ बरसे हैं। बागेश्वर में जून के बाद से 2254.2 एमएम बरसात हुई है। इसी तरह देहरादून 1521.7, रुद्रप्रयाग 1280, हरिद्वार 1241.9, पिथौरागढ़ 1203.5, टिहरी गढ़वाल 1201.5,उत्तरकाशी 1121.5 एमएम तक बरसात हुई है। सबसे कम बरसात अल्मोड़ा जिले में 805.8 रिकार्ड हुई है। चमोली 1162, चंपावत 921.1, पौड़ी गढ़वाल 776.9, नैनीताल 1111.7 ऊधम सिंह नगर 1096.9 एमएम बरसात रिकार्ड हुई है। मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल कहते हैं कि पिछले साल पूरे सीजन में नौ प्रतिशत अधिक बरसात हुई थी। पर अभी तक 19 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है, अभी सितंबर का महीना बाकी है। वर्ष-2010, वर्ष-2011 में काफी बरसात हुई थी।

प्रदेश में 260 सड़कें बंद :-
प्रदेश में हो रही बारिश के कारण सड़कों पर जगह-जगह मलबा आने से 260 सड़कें बंद हो गई हैं। गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में ज्योतिर्मठ-मलारी मार्ग के तमक नाला में पुल बह गया है। जिससे मुख्यालय का सीमावर्ती क्षेत्रों से संपर्क कट गया। वहीं, कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में शेर नाला और सूर्या नाला में पानी के अधिक प्रवाह से हल्द्वानी-चोरगलिया-सितारगंज राज्य मार्ग बाधित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सड़क बंद होने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, मलबा आने से बंद हुई सड़कों को खोलने की कार्रवाई की जा रही है। ताकि वाहनों की आवाजाही शुरू हो और लोगों को राहत मिल सके। इस साल प्रदेश में पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक बारिश हो रही है। वह खुद आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और राहत व बचाव कार्यों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सड़क, बिजली, पानी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बहाल करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है।

इन जिलों में इतनी सड़कें हुई बंद :-
देहरादून- लोक निर्माण विभाग के तहत चार राष्ट्रीय राजमार्ग, 14 राज्य मार्ग, नौ मुख्य जिला मार्ग, सात अन्य जिला मार्ग एवं 69 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। जबकि बीआरओ के तहत एक राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पीएमजीएसवाई के तहत 156 सड़कें बंद हैं। इसमें पौड़ी जिले में 27 मोटर मार्ग बंद हैं। वहीं, टिहरी जिले में 20, चमोली में 58, रुद्रप्रयाग में 46, उत्तरकाशी में 38, देहरादून में 13, हरिद्वार में एक, पिथौरागढ़ में 26, चंपावत में दो, अल्मोड़ा में 12, बागेश्वर में आठ एवं नैनीताल जिले में नौ सड़कें बंद हैं।

प्रदेश में बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। कई बार सड़कें खुल रही हैं, लेकिन बारिश के बाद मलबा आने से फिर से बंद हो रही हैं, विभाग की ओर से इसके लिए जगह-जगह मशीनें लगाई गई हैं। – राजेश शर्मा, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग

सीएम ने कहा-अलर्ट रहें अफसर, अतिरिक्त सावधानी बरतें :-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विज्ञान विभाग के अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश जिलाें के लिए जारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने व 24 घंटे अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक बारिश के कारण राज्य में लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं।

यह निर्देश मुख्यमंत्री धामी ने शासन, जिले के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि आपदाओं में बेघर लोगों के बेहतर पुनर्वास के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्रता से कार्य करते हुए मैदानी जिलों में पुनर्वास किए जाने के विकल्पों पर भी कार्य करें। सीएम धामी ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में हम सभी प्रभावित भाइयों-बहनों की पीड़ा को गहराई से समझते हैं। राज्य सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उनकी भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हुए हैं। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगौली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, सचिव लोनिवि पंकज कुमार पांडेय, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, दीपक रावत शामिल थे।

तमक में बैली ब्रिज जल्द बनाने के निर्देश :-
मुख्यमंत्री धामी ने ज्योतिर्मठ-मलारी नेशनल हाईवे में तमक नाले में बहे पुल को लेकर बीआरओ के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह पुल राज्य के साथ ही देश के लिए भी सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए यहां जल्द से जल्द बैली ब्रिज बनाकर यातायात को सुचारु किया जाए। उन्होंने कहा बीआरओ को यदि राज्य के स्तर से किसी भी प्रकार की मदद की दरकार है तो वह तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यात्रा प्रारंभ होने से पहले गंगोत्री हाइवे को सुरक्षित बनाने तथा बेहतर स्थिति में लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी ने पुनः कहा कि बरसात समाप्त होने के बाद सभी सड़कों में पैचवर्क तथा नई सड़क बनाने का कार्य हर हाल में प्रारंभ हो जाए। टेंडर समेत जो भी औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं, उन्हें इसी बीच पूरा कर लिया जाए।

हर्षिल, स्यानाचट्टी में रिवर चैनेलाइजेशन जरूरी :-
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी के हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में बनी झीलों की स्थिति तथा जल निकासी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी में झील के जलस्तर में पुनः वृद्धि की सूचना मिली है, वहां 24 घंटे नजर रखी जाए तथा राहत एवं बचाव दल हर वक्त वहां तैनात रहें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पुल को किसी प्रकार का खतरा न हो। उन्होंने स्यानाचट्टी के लोगों की सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखने व बिजली, पानी की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में काफी मात्रा में मलबा जमा हो गया है, जिसे नदी से हटाया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर मड डिस्पोजेबल साइट्स बनाने और वहां मलबे को डंप करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने को भी कहा है। उन्होंने अगले कुछ दिनों में नदियों के जलस्तर पर गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए।

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