AAIB Report : निष्क्रिय हालत में मिले थ्रस्ट लीवर…, एअर इंडिया विमान के डाटा ने बताई कुछ और ही हकीकत

अहमदाबाद विमान हादसे के एक महीने बाद एअर इंडिया की ड्रीमलाइनर 787-8 फ्लाइट क्रैश के कारणों पर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं। सबसे बड़ा खुलासा विमान के थ्रर्स्ट लीवर को लेकर हुआ है। रिपोर्ट में दिखाई गई तस्वीर में विमान के थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय (पीछे की ओर) पाए गए। जबकि विमान के डाटा के मुताबिक टक्कर लगने तक दोनों थ्रस्ट लीवर आगे की ओर थे। मौके पर मिले थ्रस्ट लीवर की स्थिति और डाटा में थ्रस्ट लीवर की हालत अलग-अलग है। थ्रस्ट लीवर का काम विमान की गति को नियंत्रित करना और इंजन को ताकत देना है।
एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान में आग लगने से थ्रस्ट लीवर को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में दी गई तस्वीर में थ्रस्ट लीवर पीछे की ओर यानि निष्क्रिय पाए गए हैं। इसका मतलब है कि हादसे के वक्त इंजन की ताकत को कम किया गया। जबकि विमान के डाटा से पता चला है कि टक्कर लगने तक विमान के थ्रस्ट लीवर आगे की ओर यानि सक्रिय थे। इससे लगता है कि दोनों पायलटों ने आखिरी वक्त तक हादसे को टालने का प्रयास किया। इससे यह भी साफ है कि इंजन की स्थिति को पायलटों ने कमजोर करने की कोशिश नहीं की।
फ्यूल कंट्रोल स्विच की स्थिति :-
विमान में दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच कट ऑफ स्थिति में पाए गए। इससे ईंधन आपूर्ति रुक गई और दोनों इंजन बंद हो गए। जबकि विमान के डाटा में फ्यूल कंट्रोल स्विच रन की स्थिति में था। इससे साफ है कि पायलट ने इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की।
मानक के अनुसार मिला फ्लैप हैंडल और लैंडिंग गियर :-
रिपोर्ट में कहा गया कि फ्लैप हैंडल को आग लगने से नुकसान हुआ। हैंडल को 5-डिग्री फ्लैप स्थिति में मजबूती से फंसा हुआ पाया गया। यह सामान्य टेकऑफ सेटिंग के अनुरूप है। विमान के डाटा में भी यह स्थिति मिली। इसके अलावा विमान का लैंडिंग गियर लीवर भी डाउन स्थिति में पाया गया। जबकि रिवर्सर लीवर मुड़े हुए थे, लेकिन स्टोव्ड स्थिति में (नीचे की ओर) थे। इसके अलावा टेक ऑफ-गो अराउंड स्विच और ऑटोथ्रॉटल डिस्कनेक्ट स्विच की वायरिंग दिखाई दे रही थी, लेकिन बुरी तरह क्षतिग्रस्त थी।
हादसे ठीक पहले एक इंजन चालू हो गया था :-
रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने का प्रयास किया। इंजन 1 तो फिर से चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 फिर से चालू नहीं हो सका। जिसके बाद वह मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया। विमान केवल 32 सेकेंड के लिए हवा में रहा था।
आखिरी वक्त में पायलटों ने खूब मशक्कत की :-
रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलटों ने आखिरी वक्त में हादसे को रोकने के लिए कड़ी मशक्कत की। रिपोर्ट में कहा गया कि मेडे कॉल आने से ठीक 13 सेकंड पहले पायलटों ने इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच को कटऑफ से रन पर वापस किया। इससे साफ है कि इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश की गई। इससे पहले दोपहर एक बजकर 38 मिनट 52 सेकंड पर इंजन 1 का फ्यूल स्विच रन पर लाया गया। इसके बाद दोपहर एक बजकर 38 मिनट 54 सेकंड पर एपीयू (सहायक विद्युत इकाई) इनलेट डोर खुलने लगी, जिससे इंजन स्टार्ट होने लगा। दो सेकेंड बाद ही दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 56 सेकंड पर इंजन 2 का स्विच भी रन पर किया गया।
हादसे में भारत के अलावा कुछ अन्य देशों के नागरिकों की भी मौत हुई :-
बता दें कि एअर इंडिया का अत्याधुनिक विमान- बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 बीते 12 जून को अहमदाबाद के मेघाणीनगर में उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड्स बाद क्रैश हो गया। विमान में सवार 242 लोगों में 12 क्रू के सदस्य थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, एक कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। हादसे के समय मेघाणीनगर में मौजूद कई लोग हताहत हुए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।