‘फायदे के लिए भगवान का इस्तेमाल’, जगन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर प्रसाद के विवाद को बताया मनगढ़ंत कहानी
वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमाला में घी में मिलावट को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा और कहा कि वे अपने 100 दिनों के शासन से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
पीटीआई के अनुसार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जगन रेड्डी ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान भटकाने की राजनीति है। एक तरफ लोग चंद्रबाबू नायडू के सौ दिनों के शासन पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनके सुपर सिक्स (चुनावी वादे) का क्या हुआ। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह मनगढ़ंत कहानी गढ़ी जा रही है।’
एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए परीक्षण: नायडू
उन्होंने कहा कि घी में मिलावट के आरोप निंदनीय हैं और पूछा कि क्या दुनिया भर के करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खेलना उचित है। उन्होंने कहा कि लैब टेस्ट रिपोर्ट में साक्ष्य के तौर पर बताए गए सभी नमूने, परीक्षण और नतीजे एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए। घी आपूर्तिकर्ता का चयन टीटीडी द्वारा हर छह महीने में की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है।
नायडू ने किया था जानवरों की चर्बी मिले होने का दावा
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि यह दशकों से चल रहा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। गौरतलब है कि 18 सितंबर को एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान, टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।