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World No Tobacco Day :- कोशिश करने वाला हर तीसरा व्यक्ति छोड़ रहा है तंबाकू की आदत

तंबाकू की लत से परेशान होकर इसे छोड़ने की कोशिश करने वाला हर तीसरा व्यक्ति सफल रहता है। यह खुलासा वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट (वीपीसीआई) में चल रही राष्ट्रीय तंबाकू छोड़ने की लाइन सेवा पर आईं कॉल्स के विश्लेषण से हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में तेजी से तंबाकू सेवन की आदत बढ़ रही है। इसकी लत में फंसने वालों में 18 से 24 साल के युवाओं की संख्या अधिक है। वहीं 12 से 18 साल के किशोेर भी इसकी चपेट में हैं। यह देखने में आया है कि लंबे समय तक इसकी चपेट में रहने वाले इससे परेशान होने के बाद इसे छोड़ने का प्रयास करते हैं। यदि प्रयास करते हैं तो सफल भी हो जाते हैं।

वीपीसीआई के राष्ट्रीय तंबाकू छोड़ने की लाइन सेवा पर पिछले 10 साल में (मई 2026 से अप्रैल 2025 तक) 90 लाख से अधिक कॉल्स आईं। इनमें से 5.8 लाख उपयोगकर्ताओं ने परामर्श के लिए पंजीकरण कराया। इन सभी को एक साल तक सलाह देने के साथ इनका फॉलोअप किया गया। करीब एक साल की लंबी कोशिश के बाद 1.64 लाख लोगों ने सफलतापूर्वक तंबाकू का सेवन छोड़ दिया है। अब इनमें तंबाकू सेवन की आदत नहीं है। मौजूदा समय में पंजीकृत मरीजों में तंबाकू छोड़ने की आदत की दर 28.40 फीसदी रही।

वीपीसीआई के निदेशक डॉ. राज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू छोड़ने की लाइन सेवा में पंजीकृत होने वाले 46.27 फीसदी व्यक्तियों की उम्र 18-24 साल की रही। इनमें से अधिकतम 66 फीसदी लोग केवल 12वीं तक पढ़े हुए थे। 43.2 फीसदी लोग स्व-रोजगार चलाते थे। 76.84 फीसदी लोगों के घर में पहले कोई तंबाकू का सेवन नहीं करता था। उन्होंने दूसरे को देखकर इसका सेवन शुरू किया था। पंजीकृत मरीजों में 68.48 फीसदी लोग धूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन करते थे।

27 करोड़ लोग पीड़ित :-
डॉ. प्रवीण सिन्हा ने कहा कि देश में करीब 27 करोड़ लोग तंबाकू के सेवन की आदत से पीड़ित हैं। इसके कारण हर साल करीब 13.5 लाख लोग दम तोड़ देते हैं। रोजाना का यह आंकड़ा करीब 3.5 हजार है। यह देखने में आया है कि तंबाकू के सेवन में सबसे ज्यादा युवा ही फंसते हैं।

कर सकते हैं कॉल :-
तंबाकू छोड़ने के लिए क्विट लाइन परामर्श सेवा पर टोल-फ्री नंबर 1800-11-2356 के माध्यम से कॉल कर सकते हैं। यह सुविधा सोमवार को छोड़कर सभी दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक मिलती है। इस सुविधा का विस्तार गुवाहाटी, मुंबई और बंगलूरू में भी कर दिया गया है। अब इन शहरों में भी सेंटर खोले गए हैं।

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