कश्मीर के पहलगाम की वादियो में बहा खून : आतंकियों की गोलाबारी में 27 मासूमों की मौत, देश को चाहिए एकता

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आज तक समाचार
पहलगाम की वादियों में बहा खून : आतंकियों की गोलीबारी में 27 मासूमों की मौत, देश को चाहिए एकता, नफरत नहीं

पहलगाम (कश्मीर)
कश्मीर के शांत और सुरम्य क्षेत्र पहलगाम गांव में उस समय मातम छा गया जब टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहुंचे सैलानियों पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। इस दर्दनाक आतंकी हमले में 27 निर्दोष लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में सभी धर्मों के लोग शामिल थे — जिनमें दो मुसलमान भी थे। इससे साफ है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता, उसका एक ही मकसद होता है – इंसानियत को खत्म करना।

हमले के चश्मदीदों का कहना है कि आतंकियों ने कुछ लोगों से नाम पूछ कर गोली मारी, जिससे साफ होता है कि इस नफरती सोच को और गहराई देने की कोशिश की गई।
लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इस जाल में फँस जाएं ? क्या हम इंसानियत से ऊपर नफरत को बैठा लें ?
राजनीति में घुसती नफरत की लकीर :-
इस त्रासदी के बाद कुछ राजनीतिक दलों ने इसे हिंदू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश शुरू कर दी है। नफरत भरे भाषण, सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान, और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिशें… यह सब उस आतंकवाद के एजेंडे को ही मजबूत कर रहा है, जिससे हम लड़ रहे हैं।
देश की जनता को चाहिए कि वास्तविक शत्रु को पहचाने — वह कोई मजहब नहीं, कोई जात नहीं, बल्कि वह सोच है जो खून बहाने को धर्म मानती है।

एकता ही सबसे बड़ा जवाब :-
आज अगर हम टूट गए, तो सिर्फ घर नहीं जलेंगे – पूरा मुल्क जल उठेगा। लाखों की ज़िंदगियाँ बर्बाद हो जाएंगी।
अभी जरूरत है कि –
● हिंदू और मुसलमान दोनों समझें कि यह हमला हर भारतवासी पर हुआ है।
● नेता सिर्फ संवेदना प्रकट करें, नफरत न फैलाएं – चाहे वे किसी भी पार्टी के हों।
● मीडिया जिम्मेदारी से काम करे और किसी भी धर्म या समुदाय को निशाना न बनाए।

हम क्या कर सकते हैं ?
● भाईचारे को बढ़ावा दें, एक-दूसरे का हाथ थामें।
● अफवाहों से बचें, सोशल मीडिया पर कोई भी भड़काऊ संदेश फैलाने से बचें।
● प्रशासन का साथ दें, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
हम सब मिलकर इस दर्दनाक घड़ी में शांति, एकता और इंसानियत का रास्ता चुनें। आतंक की इस आग को नफरत की हवा से नहीं, हमारी एकता की बारिश से बुझाएं।
अंत में :– हम उन सभी परिवारों के प्रति गहरा शोक व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इस हमले में मारे गए हर व्यक्ति की जान कीमती थी — वह किसी एक धर्म की नहीं, पूरे हिंदुस्तान की थी।
अब वक्त है कि हम सब मिलकर एक सुर में कहें — “हम नफरत से नहीं डरते, हम साथ हैं।
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DR.GULBAHAR
MD आज तक समाचार
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