माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह का हुआ आयोजन माननीय राज्यपाल ने दिए 90 स्वर्ण पदक एवं 25456 उपाधि

- माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह का हुआ आयोजन
- माननीय राज्यपाल ने दिए 90 स्वर्ण पदक एवं 25456 उपाधि
- कुलाधिपति ने दी सभी छात्र-छात्राओं को बधाई, आगे बढने के लिए किया प्रोत्साहित
- जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी बच्चों के नामांकन बढाने में निभाएं अग्रणी भूमिका
- अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित ना होते हुए देश को विकसित करने में भी अपनी सहभागिता निभाएं
- प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा लेकर सेवा भाव से आंगनवाडी केन्द्रों में जाकर मनाएं जन्मदिन, बच्चों की मुस्कान से पाएं खुशी
- सशक्त नारी-सशक्त परिवार का नारा करें सार्थक, महिलाओं की कराएं स्वास्थ्य जांच
- नवाचार कर लाएं समृद्धि, बनें आत्मनिर्भर
- आंगनवाडी केन्द्रों को प्रोत्साहित करने, भारत को टीबी मुक्त बनाने, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को पढाई से जोडने के लिए राजभवन में संचालित स्कूल से प्रेरणा लेने की कही बात
- आर्गेनिक खेती को बढाने के लिए छात्रों को करें प्रोत्साहित
- माननीय राज्यपाल महोदया ने दी 500 आंगनवाडी किट, सांकेतिक रूप से किया 10 का वितरण
- उपाधि और पदक पाकर छात्रों के चेहरे खिले, अन्य को मिली प्रेरणा
- उपाधियों को किया गया डिजी लॉकर में समाहित
- कुलपति ने दिलाई उपाधि प्राप्तकर्ताओं को शपथ
- बच्चों द्वारा किये गये सांस्कृतिक प्रस्तुतिकरण की राज्यपाल ने की सराहना, किया दुलार
- जिलाधिकारी सहारनपुर एवं मुख्य विकास अधिकारी सहारनपुर और मुजफ्फरनगर तथा शिक्षक को राजभवन की पुस्तकें की भेंट
- सर्किट हाउस में मौलश्री का पौधा किया रोपित
सहारनपुर, दिनांकः 20 सितम्बर, 2025 (सू0वि0)।
माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जनमंच सभागार में माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया गया। कुलपति माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय प्रो0 विमला वाई0 ने माननीय कुलाधिपति एवं मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र एवं ओडीओपी से निर्मित प्रतीक चिन्ह दिया तथा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में राज्यपाल महोदया द्वारा संकाय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 06 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 80 कुलपति स्वर्ण पदक, 04 विद्यार्थियों को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए गये। यूनिवर्सिटी के तृतीय दीक्षांत समारोह में कुल 25456 छात्रों को उपाधियां दी गयी। उपाधियों को हस्ताक्षर कर डिजीलॉकर पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किया गया। इसमें 8591 छात्र एवं 16865 छात्राएं शामिल रहे। उन्होने सभी छात्र एवं छात्राओं को बधाई दी एवं कहा कि सभी आगे बढें।
माननीय राज्यपाल महोदया द्वारा आंगनवाडी कार्यकत्रियों को 500 किट वितरण किया गया। इसमें सांकेतिक रूप से 10 किट जनमंच सभागार में वितरित की गयी। 250 किट जनपद सहारनपुर एवं 250 किट मुजफ्फरनगर के आंगनवाडी केन्द्रों को दी गयी। साथ ही प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को राजभवन से प्राप्त पुस्तकें प्रदान की गयी।
विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव के विद्यालयों में अध्ययनरत विभिन्न कक्षा वर्गों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता 03 बच्चों को पुरस्कार दिए गये। उन्होने जिलाधिकारी सहारनपुर एवं मुख्य विकास अधिकारी सहारनपुर और मुजफ्फरनगर तथा एक शिक्षक को राजभवन की पुस्तकें भेंट की।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गांवों में जाकर बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होने इस संदर्भ में गुजरात में शिक्षा मंत्री बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रयास से किए गये नवाचारों का उल्लेख किया। उन्होने कहा कि स्कूली बच्चों का नामांकन बढाने के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम किया जाता था। इसके साथ ही उन्होने कहा कि गरीब बच्चों को शिक्षा देने तथा खेल गतिविधियों को बढावा देते हुए, भिक्षावृत्ति से मुक्त के प्रयास के तहत राजभवन में 80 नए बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि विश्वविद्यालय के अध्यापक केवल पढाने तक सीमित ना होते हुए देश को विकसित करने में भी अपनी सहभागिता निभाएं। उन्होने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी से सभी को शिक्षा गृहण करनी चाहिए। उन्होने अपने जन्मदिन को सेवा पर्व के रूप में मनाया है। हमें भी अपने जन्मदिवसों पर आंगनवाडी केन्द्रों में जाकर नौनिहालों की मुस्कान को देखकर अपने जन्मदिवस पर आंतरिक खुशी महसूस करनी चाहिए। ऐसे किए गये कार्यों के फोटोग्राफ्स सभी मुझे भी भेज सकते है।

विश्वविद्यालयों में कुलपति योजना बनाकर आंगनवाडी केन्द्रों तक पंहुचे तथा 03 वर्ष आयु के बच्चों को आंगनवाडी केन्द्रों में प्रवेश के लिए और 06 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करें। आंगनवाडी केन्द्रों में सहयोग करने के लिए सभी को तत्पर रहना चाहिए।
सशक्त नारी-सशक्त परिवार का नारा सार्थक हो रहा है लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी प्रयास किए जाने शेष है। महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हो, इसके लिए स्वास्थ्य जांच किया जाना आवश्यक है जिससे बीमारियों का पता कर उपचार किया जा सके। इस संदर्भ में उन्होने गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए किए गये कार्यों का उल्लेख किया तथा कहा कि ग्रामप्रधान गांव की महिलाओं को पीएचसी/सीएचसी में ले जाकर जांच करवाने के निर्देश दिए थे। आप सभी भी इस कार्य में सहयोगी बन सकते है। उन्होने बेटियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचा जा सके। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा पखवाडा मनाए जाने के तहत दिए गये निर्देशों का पालन करें तथा एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि पेट्रोल, डीजल के आयात को कम करने के तहत ऐथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। इसके साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी के असम दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि नवाचार के कार्यों को जानने एवं करने की इच्छाशक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होने प्रधानमंत्री जी को असम में बहू उत्पादित बैम्बू से ऐथेनॉल बनाने की संभावना की जानकारी होने पर त्वरित कार्य करते हुए उत्पादन के लिए संयत्र स्थापित करने को कहा। जिसका उद्घाटन अभी हाल में किया गया। इसके साथ ही इसका पेटेंट भी किया गया ताकि हम ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें। इससे जहां रोजगार बढेगा वहीं कृषकों में समृद्धि आएगी तथा हमारे आयात में कमीं होगी। इसी तरह समुद्र की गहराईयों में भी रिसर्च किया जा रहा है। इन अनुसंधान के कार्यों में विश्वविद्यालय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। अध्यापकों एवं विद्यार्थियों से विचार-विमर्श करने के पश्चात की पुस्ताकालय में पुस्तकों का संग्रह किया जाए। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय में आधारभूत सुविधाओं के संबंध में हमारी टीमों द्वारा गोपनीय जानकारी ली जाती है। साथ ही साथ शिक्षा के लिए बच्चों को आवागमन में परेशानी का सामना ना करना पडे इसके लिए विश्वविद्यालय तक बसों का संचालन हो तथा जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी इस संबंध में प्रयास करें।
माननीय राज्यपाल ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0जे0अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा समग्रता में होनी चाहिए। बच्चों को शुरूआत से ही जागरूक किया जाना चाहिए। समर्थ पोर्टल की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि इसमें प्रवेश सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होने आर्गेनिक खेती को बढाने के लिए कृषि संकाय में अध्ययनरत छात्रों को प्रोत्साहित किया तथा सभी छात्रों को जीवन में किए गये कार्यों को सेवा भाव से किए जाने के लिए कहा। आंगनवाडी केन्द्रों को प्रोत्साहित करने, भारत को टीबी मुक्त बनाने, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को पढाई से जोडने के लिए राजभवन में संचालित स्कूल से प्रेरणा लेने की बात कही।
माननीय राज्यपाल महोदया ने सर्किट हाउस में मण्डलायुक्त श्री अटल कुमार राय, डीआईजी श्री अभिषेक सिंह की उपस्थिति में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की तथा सभी संबंधितों को निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होने सर्किट हाउस परिसर में एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण जन अभियान एवं सेवा पर्व 2025 के तहत मौलश्री का पौधा रोपित किया।
भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो0 दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब मिलकर विश्वविद्यालयों को केवल शिक्षा केन्द्र न मानें, बल्कि उन्हें आधुनिक भारत के तपोवन बनाएं। जहां ज्ञान की खोज केवल ज्ञान नहीं बल्कि मूल्यों और भारतीयता की खोज भी हो। हमारे सामूहिक प्रयास यह सुनिश्चित करें कि भारतीय उच्च शिक्षा अगली पीढी को केवल ज्ञानवान ही नहीं बल्कि बुद्धिमान, दयालु और भारत की शाश्वत आत्मा से गहराई से जुडे हुए नागरिक बनाएं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गये गये प्राथमिक विद्यालय पुंवारका एवं उग्राहू के बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इसी के साथ प्राथमिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा विकसित भारत 2047 एवं पर्यावरण संरक्षण पर भाषण तथा पर्यावरणीय गीत का प्रस्तुतिकरण किया गया। माननीय कुलाधिपति ने सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रशंसा की तथा प्रसन्न होकर बच्चों को दुलारते हुए चॉकलेट दी।
इस अवसर पर राज्यमंत्री संसदीय कार्य श्री जसवंत सैनी, महापौर डॉ0 अजय सिंह, विधायक नगर श्री राजीव गुम्बर, विधायक गंगोह श्री किरत सिंह, विधायक रामपुर मनिहारान श्री देवेन्द्र निम, जिलाधिकारी श्री मनीष बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आशीष तिवारी, नगर आयुक्त श्री शिपू गिरी, मुख्य विकास अधिकारी श्री सुमित राजेश महाजन, मुख्य विकास अधिकारी मुजफ्फरनगर श्री कंडारकर कमल किशोर देशभूषण, पूर्व कुलपति प्रो0 हृदय शंकर सिंह, कुलसचिव श्री कमल कृष्णा, प्रो0 धर्मेन्द्र कुमार, असिस्टेंट प्रो0 विनिता दुबे सहित विश्वविद्यालय का स्टाफ, आंगनवाडी कार्यकत्री, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।




